उत्तराखण्ड समाचार

प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा को लेकर शिक्षकों में मतभेद, गांधी जयंती पर रखा उपवास

देहरादून। उत्तराखंड में प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा को लेकर शिक्षक संगठनों के बीच टकराव गहराता जा रहा है। गांधी जयंती के दिन इस मुद्दे पर दो शिक्षक संगठन आमने-सामने आ गए — एक पक्ष ने परीक्षा रद्द करने और पदोन्नति लागू करने की मांग को लेकर उपवास रखा, जबकि दूसरा पक्ष परीक्षा के समर्थन में सांकेतिक उपवास पर बैठा।

परीक्षा विरोधी शिक्षक संघ का उपवास

राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने परीक्षा का विरोध करते हुए सीमित विभागीय परीक्षा रद्द कर शत-प्रतिशत पदोन्नति देने की मांग की।
संघ के प्रांतीय कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सजवाण और जिला अध्यक्ष कुलदीप कंडारी ने जीआईसी नालापानी में दो घंटे का उपवास रखा। उन्होंने कहा कि “प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती रद्द की जाए और वार्षिक स्थानांतरण प्रक्रिया बहाल की जाए।”
इससे पहले विद्यालय में राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत देशभक्ति और सामाजिक सेवा से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए गए।

परीक्षा समर्थक मंच की गतिविधियां

दूसरी ओर, परीक्षा समर्थक मंच ने सीमित विभागीय परीक्षा कराने की मांग के समर्थन में सांकेतिक उपवास रखा। मंच की ओर से राज्यभर में स्वैच्छिक रक्तदान अभियान भी चलाया गया।
मंच के प्रांतीय महासचिव डॉ. कमलेश कुमार मिश्र ने बताया कि “10,000 से अधिक यूनिट रक्त एकत्र करने का लक्ष्य रखा गया है।
कार्यक्रम में अध्यक्ष दिनेश चंद्र पांडे, बृजेश पवार, आकाश चौहान, अनिल राणा, द्वारिका प्रसाद पुरोहित, दीपक गौड़, योगेंद्र सिंह नेगी, जयेंद्र सिंह, गंभीर शाह, और नरेंद्र सिंह बिष्ट शामिल रहे।

7 अक्तूबर को होगी अगली सुनवाई

इस विवाद का निर्णायक मोड़ अब 7 अक्तूबर को नैनीताल हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई से तय होगा।
शिक्षक संगठनों को इस दिन आने वाले फैसले का इंतजार है, जिसके बाद वे अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे।

शिक्षा विभाग में बढ़ती गुटबाजी और मतभेद अब इस स्तर पर पहुंच गए हैं कि एक ही उद्देश्य — शिक्षा सुधार — के लिए खड़े संगठन भी एक-दूसरे के विरोधी बनते जा रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button