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धराली आपदा रिपोर्ट: कारणों की गुत्थी अब भी बरकरार, शासन के पास पहुंची रिपोर्ट पर बैठक की तैयारी

देहरादून। उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त को आई विनाशकारी आपदा ने भारी तबाही मचाई थी। आपदा के सही कारणों का पता लगाने के लिए वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, आईआईटी रुड़की, जीएसआई (जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) और सीबीआरआई रुड़की जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों की टीमों को मौके पर भेजा गया था।

इन टीमों ने 14 अगस्त को धराली पहुंचकर आपदाग्रस्त क्षेत्र का वैज्ञानिक अध्ययन किया और विस्तृत रिपोर्ट तैयार की। यह रिपोर्ट पिछले महीने शासन को सौंपी जा चुकी है, मगर अब तक इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है।

क्या कहती है रिपोर्ट?

यही सवाल अब भी अनुत्तरित है। सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में आपदा के संभावित भू-वैज्ञानिक और पर्यावरणीय कारणों का उल्लेख किया गया है, साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण सिफारिशें (संस्तुतियां) भी दी गई हैं।

शासन की ओर से अगला कदम

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि रिपोर्ट वर्तमान में परीक्षणाधीन है। जल्द ही इस विषय पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें रिपोर्ट के सभी बिंदुओं और सुझावों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इसके बाद ही रिपोर्ट के निष्कर्ष सार्वजनिक किए जाएंगे।

धराली आपदा के बाद अब प्रदेश में आपदा प्रबंधन की तैयारियों और जिम्मेदारी पर नए सिरे से सवाल उठ रहे हैं — आखिर कब तक ऐसी घटनाओं के “कारणों” का जवाब सिर्फ रिपोर्टों में ही दबा रहेगा?

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