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संस्कृत ग्रामों से बढ़ेंगे संस्कार : सीएम धामी

ऋषिकेश। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड संस्कृत अकादमी और केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में 13 जिलों के 13 संस्कृत ग्रामों का वर्चुअल शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा केवल पूजा-पाठ तक सीमित न रहकर बोलचाल और व्यवहार में भी अपनाई जानी चाहिए। आदर्श संस्कृत ग्रामों में संस्कृत भवनों का निर्माण और राजकीय प्राथमिक संस्कृत विद्यालयों की स्थापना की जाएगी।

सीएम ने बताया कि एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और अन्य प्रमुख स्थानों पर अब तक 5,000 संस्कृत नामों के बोर्ड लगाए गए हैं। नई शिक्षा नीति में संस्कृत को आधुनिक और व्यवहारिक भाषा के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, साथ ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, ई-संस्कृत शिक्षण और संस्कृत एप विकसित हो रहे हैं। लोकसभा की कार्यवाही का अनुवाद संस्कृत में भी शुरू किया गया है।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां संस्कृत ग्रामों की स्थापना हो रही है। अगले वर्ष से सभी संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों में एनसीसी, एनएसएस और स्काउट गाइड शुरू किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने भोगपुर महादेव खाले के ट्रीटमेंट के लिए नौ करोड़ रुपये देने की घोषणा की।

ये हैं 13 संस्कृत ग्राम
देहरादून का भोगपुर, टिहरी गढ़वाल का मुखेम, उत्तरकाशी का कोटगांव, रुद्रप्रयाग का बैंजी, चमोली का डिम्मर, पौड़ी गढ़वाल का गोदा, पिथौरागढ़ का उर्ग, अल्मोड़ा का जैंती पाण्डेकोटा, बागेश्वर का शेरी, चंपावत का खर्ककार्की, हरिद्वार का नूरपुर पंजनहेड़ी, नैनीताल का पांडे गांव और ऊधमसिंहनगर का नगला तराई।

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