उत्तराखण्ड समाचार

हरक बोले- बंदर के सिर पर टोपी पहना दो तो वह नाचने लगता है, भट्ट ने कहा- ये उनका दर्द छलक रहा

देहरादून। प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट पर तंज कसा कि बंदर के सिर पर टोपी पहना दो तो वह नाचने लगता है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष को अनुभवहीन करार दिया। साथ ही सरकार के तीन साल के कार्यकाल को भी निराशाजनक बताया। बृहस्पतिवार को मीडिया से बातचीत में हरक ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को निशाना साधा, उम्र और अनुभव से उन्हें ज्यादा मिल गया है, इसलिए ऐसी स्थिति है।

यह ऐसी स्थिति है, जैसे अगर बंदर के सिर पर टोपी पहना दो तो वो नाचने लग जाता है। उन्होंने कहा, साल 1992 में जब वो उत्तर प्रदेश में मंत्री बने थे, तब उनकी उम्र 27 साल थी। उस दौरान मंत्री रहते हुए उनके सामने सचिव स्तर के अधिकारी उन्हें सर-सर कहने लगे, तब थोड़े दिनों के लिए उनका भी दिमाग खराब हो गया था। लेकिन छह दिसंबर को अचानक सरकार चली गई और सरकारी ड्राइवर हमें कल्याण सिंह की कोठी पर छोड़कर चला गया। तब टैक्सी से घर गए तो अपनी औकात पता चली।

हरक ने राजनीतिक अनुभव साझा करते हुए कहा कि किसी अधिकारी से बात करो तो वो सर-सर कहकर हमेशा के लिए सरका देगा। कहा, छोटी आयु में जो अनुभव लिया है, उस कारण आज जहां भी रहें दुखी नहीं होते। यह सब क्षणिक मात्र है। नाटक मंचन के दौरान कभी मंत्री या फिर विपक्ष के नेता का रोल निभाने को दिया जाता है। उसी किरदार के मुताबिक काम किया जाएगा तो फिर ऐसे गलतियां नहीं होगी। जैसे सरकार के लोग गलतियां करते जा रहे हैं।

कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने धामी सरकार के तीन साल के कार्यकाल को निराशाजनक बताया। कहा, सरकार में मंत्रिमंडल के सदस्य परिपक्व नहीं हैं। उनमें अनुभव की कमी है। इस कारण विधानसभा के भीतर व बाहर माहौल खराब हो रहा है। कहा, आज प्रदेश में पेपर लीक हो रहे हैं। सरकारी पद खाली चल रहे हैं। आयुर्वेद विवि, परिवहन विभाग, वन विभाग में उपनल के माध्यम से रखे लोगों को निकाला जा रहा है। उन्होंने विधानसभा भर्ती मामले में युवाओं को नौकरी से निकालने को आपत्तिजनक बताया। कहा, उन पर कार्रवाई के बजाए उन्हें रखने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने हरक सिंह रावत के बयान पर कहा कि वह वरिष्ठ नेता हैं। मेरे बारे में उनकी टिप्पणी पर मुझे कुछ नहीं कहना। इतना जरूर है कि यह हरक सिंह नहीं, बल्कि उनका दर्द बोल रहा है। वह जिस चीज के आदी हैं, उसके लिए तरस रहे हैं।

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