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चोरी के संदेह में पुलिस ने युवक को उठाया, मारपीट कर छोड़ा, हाथ में आई गंभीर चोट, कहा- मैं चोर नहीं

दमोह। दमोह जिले के तेंदूखेड़ा थाना के उमरियामाल गांव में जिस आदिवासी युवक को चोरी के संदेह में पुलिस ने उठाया था, उसे गुरुवार शाम को छोड़ दिया गया। पीड़ित का कहना है कि वह चोर नहीं है, फिर भी पुलिस ने उसे डंडों से मारा और बाद में छोड़ दिया। तेंदूखेड़ा थाने के पुलिसकर्मियों और डायल 100 के पायलट पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि वे शराब के नशे में गांव पहुंचे थे। गोरेलाल के साथ मारपीट की थी और महिलाओं व नाबालिग बच्चियों को गंदी-गंदी गालियां दी थीं। गुरुवार शाम ग्रामीण इस मामले की शिकायत करने दमोह एसपी कार्यालय पहुंचे थे, जिसके बाद जांच शुरू की गई है।

दरअसल, तेंदूखेड़ा के उमरियामाल गांव निवासी एक महिला ने घर में चोरी होने की शिकायत थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस जांच करने के लिए गांव पहुंची। ग्रामीणों का कहना था कि जो पुलिसकर्मी गांव गए थे, वे शराब के नशे में थे। वे संदेही युवक गोरेलाल आदिवासी को बेरहमी से पीटते हुए थाने ले गए। साथ ही गांव की महिलाओं और नाबालिग बच्चियों को गंदी-गंदी गाली देते हुए अभद्रता की थी। जिसके विरोध में ग्रामीण दमोह पहुंचे और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की।

ग्रामीण दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी के के पास पहुंचे तो उन्होंने तेंदूखेड़ा टीआई से घटना की जानकारी ली। ग्रामीणों का आरोप है कि इस उन्होंने एसपी को गुमराह किया। उन्होंने कहा कि जिस महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई है, उसके पक्ष में भी सैकड़ों लोग थाने आए हैं। जबकि, ऐसा नहीं है। क्योंकि, उस समय टीआई ने पकड़े गए युवक को भी छोड़ दिया था। हालांकि, इस दौरान अफवाह उड़ा दी गई कि संदेही युवक पुलिस को देखकर भाग रहा था, ऐसे में गिरने से उसके चोट लगी है।

वहीं, पीड़ित गोरेलाल का कहना है कि पुलिस ने उसे चोरी के आरोप में 24 घंटे बंद रखा। इस दौरान उसके साथ मारपीट की गई, फिर गुरुवार शाम को उसे छोड़ दिया गया। पुलिस ने उसका कोई इलाज नहीं कराया। घर पहुंचने के बाद उसने निजी डॉक्टर से इलाज कराया। उसने कोई चोरी नहीं की है। गोरेलाल आदिवासी का आरोप है कि प्रधान आरक्षक भूपेंद्र लोधी और अन्य पुलिसकर्मियों के अलावा डायल 100 के पायलट बिट्ठल ने उसके साथ मारपीट की है। गोरेलाल ने बताया कि जिस महिला ने चोरी की शिकायत की थी, उसके पति ने मेरी बाइक की चाबी छीन ली थी। इस पर दोनों में विवाद हो गया था। जिसके बाद महिला ने मेरी झूठी शिकायत तेंदूखेड़ा थाने में कर दी।

ग्राम उमरियामाल और ओरियामाल के ग्रामीण दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उन्होंने लिखित आवेदन में कहा है कि शराब के नशे में पुलिसवालों ने गोरेलाल को निर्दयता से पीटा, बेटियों और महिलाओं से अभद्रता की। आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा ने बताया कि जिस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ा है, टीआई के अनुसार उसी ने चोरी की है। शिकायतकर्ता पक्ष के भी कई लोग थाने आए थे, जिन्होंने गोरेलाल के चोरी करने की पुष्टि की है। ग्रामीणों ने ज्ञापन दिया है, जिसकी जांच कराई जा रही है।

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