अक्तूबर के पहले सप्ताह में हिमाचल के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी, शीतलहर बढ़ी

शिमला। हिमाचल प्रदेश में अक्तूबर के पहले सप्ताह में ही उच्च पर्वतीय क्षेत्र बर्फ से लकदक हो गए हैं। लाहौल-स्पीति, चंबा और किन्नौर के ऊंचे इलाके बर्फ की सफेद चादर में ढक गए। शिमला जिले के चांशल पीक पर सीजन की पहली बर्फबारी हुई। चंबा जिले में भारी बारिश और बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित हुआ। पांगी उपमंडल और भरमौर, चुराह की ऊपरी चोटियों में भी जमकर बर्फबारी हुई।
बर्फबारी और ठंड के कारण निचले क्षेत्रों में शीतलहर का असर बढ़ गया। पिछले 24 घंटों के दौरान कई मौसम स्टेशनों में अधिकतम तापमान में सामान्य से 6-14 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। लाहौल के कई रिहायशी इलाके, जैसे योचे गांव, में एक फीट तक बर्फ जम गई।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि वर्ष 2018 में अक्तूबर के दूसरे सप्ताह में बर्फबारी हुई थी, लेकिन इस बार यह 5-7 अक्तूबर के बीच हो गई।
बारिश और बर्फबारी का डेटा:
- पच्छाद: 59.0 मिमी
- जटोन बैराज: 58.0 मिमी
- कुकुमसेरी: 56.7 मिमी
- कोठी: 54.2 मिमी
- कंडाघाट: 43.6 मिमी
- गोंधला: 26.5 सेंमी
- केलांग: 20.0 सेंमी
- कुकुमसेरी: 5.6 सेंमी
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, राज्य में कुछ स्थानों पर 9 अक्तूबर तक बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रह सकता है। 10 अक्तूबर से पूरे प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा। चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिलों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट है।
तापमान:
- शिमला: न्यूनतम 8.8°C
- केलांग: -0.5°C
- कुकुमसेरी: -0.3°C
- मनाली: 6.1°C
- कल्पा: 3.0°C
भूस्खलन की घटना:
होली-खड़ामुख मार्ग पर शिवनगरी सत्संग भवन के पास 20 मीटर सड़क भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हो गई। भारी बारिश के कारण यह हिस्सा पूरी तरह जमींदोज हो गया। अब सड़क के निर्माण तक वाहनों की आवाजाही बंद रहेगी, जिससे मार्ग पर लंबी कतारें लग गई हैं।
अक्टूबर में पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी और शीतलहर ने जनजीवन पर असर डाला है।