हरिद्वार/ हरिद्वार के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ राहुल आर्य पिछले 10 वर्षों से आयुर्वेद चिकित्सा द्वारा जटिल बीमारियो का इलाज कर रहे है उन्ही में से त्वचा का एक रोग सफेद दाग जिसको मेडिकल भाषा में विटिलिगो या ल्योकोडरमा भी कहा जाता है । डॉ राहुल आर्य ने बताया की आज भारत में यह बीमारी बहुत तेजी से पैर पसार रही है जिसकी चपेट में बच्चो से लेकर बुजुर्गों में यह बीमारी पनप रही है । इस बीमारी में तीन साल से लेकर दस साल की उम्र के छोटे बच्चे आज कल ज्यादा दिखाई पड़ रहे है, जिसका विशेष कारण बच्चो का गलत खान पान अत्यधिक बेकरी प्रोडक्ट्स का सेवन, चॉकलेट, केक, पिज्जा सेवन, चिप्स, मसालेदार पापड़ इत्यादि है। विटिलिगो तब होता है जब मेलेनिन बनाने वाली कोशिकाएँ मर जाती हैं या काम करना बंद कर देती। डॉ राहुल आर्य के अनुसार यह बीमारी ज्यादातर विरुद्ध आहार का सेवन करने एवं अनुवांशिकता भी इसका मुख्य कारण माना गया है। आयुर्वेद चिकित्सा में सफेद दाग का इलाज संभव है यदि रोगी पथ्य अपथ्य को ध्यान में रखते हुए इलाज लेते है तो विटिलिगो पर पूर्णतया सफलता मिलती है। डा राहुल आर्य ने बताया की आयुर्वेद चिकित्सा द्वारा सफेद दाग से मुक्त हुए काफी रोगियों का क्लिनिकल डाटा आज उनके पास सुरक्षित है। आयुर्वेद चिकित्सा में शमन एवं शोधन चिकित्सा द्वारा विटिलिगो/ सफेद दाग पर पूर्णत काबू पाया जाता है। विटिलिगी के रोगियों को परहेज में ज्यादातर दूध और दूध से बनी चीजो का उपयोग नहीं करना चाहिए। मसालेदार भोजन, खट्टे पदार्थ, फास्ट फूड, जंक फ़ूड, तला भुना, वनस्पति घी, अत्यधिक शीतल पेय जल, शराब, मांस, मदिरा इत्यादि चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसे रोगियों को चाहिए कि समय रहते इसके शुरुआती लक्षणों को ध्यान में रख अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक के सुझाव पूर्ण इलाज ले।