हरिद्वार/ बहु प्रचारित हरिद्वार गंगा कॉरिडोर को लेकर भी पाड टैक्सी की ही तरह व्यापारियों और प्रशासन में टकराव के हालात बन सकते हैं। क्योंकि योजना के प्रमुख स्टेकहोल्डर व्यापारियों ने योजना के लिए अधिग्रहण व तोड़-फोड़ का साफ़ साफ़ विरोध किया है। जबकि प्रशासन इसका जिस रूप में लेआऊट लाया है उसके लिए सड़कों के बड़े पैमाने पर चौड़ीकरण की जरूरत होगी। जिसके बाद योजना के खिंचने के हालात पैदा हो रहे हैं हरिद्वार धर्मनगर में आए दिन धार्मिक आयोजन के चलते भीड़ का दबाव किसी से छुपा हुआ नहीं है आए दिन हरिद्वार क्षेत्र में जाम की स्थिति बनी रहती है जिससे बाहर से आए हुए यात्रियों और क्षेत्रीय लोगों को उसका सामना करना पड़ता है जगह-जगह आपको बैटरी रिक्शाओं की लंबी-लंबी कत्तारे हरिद्वार में निरंतर देखने को मिलती है जिसका विरोध व्यापारी निरंतर करते आए हैं उसके बावजूद भी व्यापारी इस गंगा कॉरिडोर का विरोध करते नजर आ रहे हैं, दरअसल भविष्य के लिए हरिद्वार का नियोजन भी जरूरी है।एक ओर जहां धर्मनगरी में भीड़ बढ़ रही है वहीं सड़कों पर बढ़ते वाहन और अतिक्रमण से शहर की सांसें फूल रही हैं। अतिक्रमण पर जहां प्रशासन शिथिल है वहीं अतिक्रमण कारी ढीठ बने हुए हैं।इन हालात में बदलाव भी जरूरी है हालांकि व्यापारियों का कहना है कि शहर के सौंदर्य करण, पार्किंग, अतिक्रमण, भीड़ प्रबंधन आदि योजनाओं में व्यापार मंडल प्रशासन का सहयोग करने के लिए तैयार है व्यापारी निरंतर अपने-अपने क्षेत्र में अतिक्रमण के प्रति जागरूक भी नजर आते हैं निरंतर अपने-अपने क्षेत्र में अतिक्रमण अभियान चलाना प्रमुख रहा है व्यापारियों के बीच परंतु गंगा कॉरिडोर के विरोध में व्यापारी पीछे भी नहीं है व्यापारियों को लगता है गंगा कॉरिडोर आएगा तो आने को व्यापारियों के रोजगार हमेशा के लिए छीन हो जाएंगे और महीना के लिए सालों के लिए व्यापार भी हरिद्वार से गायक सा हो जाएगा किस तरीके से व्यापारियों की रोजमर्रा की जीविका चल पाएगी इन हालात में हो सकता है कि भविष्य में योजना के मौजूदा प्लान को छोड़कर कोई मध्यमार्ग निकाला जाए। तभी बन पाएगा मोदी के सपनों का हरिद्वार मोदी ने अबकी बार भी चुनाव प्रचार के दौरान गंगा कॉरिडोर का जोर-जोर से जिक्र किया था इसमें ये भी हो सकता है कि सड़कों को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त करते हुए कोरीडोर को साकार करने की योजना मूर्त रूप ले सके। लेकिन इसपर अभी बहुत अगर मगर लगे हैं। लेकिन क्षेत्रीय लोगों का कहना है गंगा कॉरिडोर आएगा तो अतिक्रमण और हरिद्वार में ट्रैफिक पर भी कंट्रोल होगा और हरिद्वार का बिजनेस भी उच्च स्तर पर जाएगा। देखते हैं शासन प्रशासन क्या शाखा तैयार करता है इसके लिए ?